ITR-3 Filing AY 2025-26: Eligibility & Key Changes

वित्त वर्ष 2024‑25 के लिए, यानी Assessment Year 2025‑26 हेतु ITR‑3 फॉर्म ऑनलाइन यूटिलिटी अब Income Tax e‑Filing पोर्टल पर उपलब्ध हो चुकी है (LinkedIn)। यह उन करदाताओं के लिए है जिनकी आमदनी “व्यवसाय या व्यवसाय की लाभ” (Profits & Gains of Business or Profession) के अंतर्गत आती है, और जिनके पास व्यापार, पेशे, साझेदारी आदि से जुड़ी आय होती है (Income Tax India)।

इस ब्लॉग लेख में हम विस्तार से चर्चा करेंगे कि कौन ITR‑3 भर सकता है, किसने नहीं भरना चाहिए, नए नियम‑नियमावली क्या है, मुख्य बदलाव, दाख़िल करने की अंतिम तिथियाँ, और तकनीकी सुझाव।

Table of Contents

1. ITR‑3: पात्रता एवं योग्यताएँ

✅ कौन फाइल कर सकता है

नीचे ITR‑3 फॉर्म भरने के लिए पात्र व्यक्तियों/परिवारों का विवरण है:

  • व्यक्ति (Individual) या Hindu Undivided Family (HUF) जिनकी आय में शामिल है:
    • व्यवसाय से लाभ (व्यापार/पेशे के फायदे)
    • पेशे (professionals जैसे डॉक्टर, CA, वकील आदि)
    • साझेदारी से प्राप्त लाभांश, ब्याज, कमीशन या रेम्यूनरेशन (LinkedIn)
  • यदि आप साझेदारी फर्म के साझेदार हैं और आपको फर्म से रेम्यूनरेशन या ब्याज मिलता है, तब भी ITR‑3 भरना आवश्यक है (Income Tax India)।

❌ कौन नहीं भर सकता

  • यदि आपकी आय केवल वेतन, पेंशन, फिक्स्ड जमा ब्याज, एक घर‑संपत्ति से आय / कृषि आय नगण्य, आदि में है, तो आप ITR‑1 / ITR‑2 में योग्य होंगे, न कि ITR‑3 (Income Tax India, myfinancegyan.com)।
  • यदि आपकी व्यवसाय/पेशा आय presumptive scheme (उ. नि. Section 44AD/44ADA/44AE) के तहत है (40 लाख/75 लाख तक की सीमा), तो आप ITR‑4 (Sugam) को चुन सकते हैं। ITR‑3 सिर्फ तब जब आप presumptive विधि का उपयोग नहीं करते (Income Tax India)।
  • कंपनियाँ (LLP, Pvt Ltd आदि), ट्रस्ट, NGO, फर्म (ITR‑5/ITR‑6/ITR‑7) को ITR‑3 की जगह उनकी उचित फॉर्म भरनी होगी (Tradeviser, Wikipedia)।

2. ITR‑3 बनाम ITR‑4: क्या अंतर है?

फ़ॉर्म पात्रता लाभ/सीमाएँ
ITR‑3 व्यावसायिक / पेशेवर आय सामान्य अस्सम्समेंट के तहत विस्तृत विवरण, शेयर ट्रेडिंग, unlisted शेयर, crypto, partnership रेम्यूनरेशन आदि
ITR‑4 (Sugam) Resident व्यक्ति/HUF जिनकी आय ₹50 लाख तक हो तथा व्यवसाय/पेशा आय presumptive basis पर हो सरल रिटर्न—ना ऑडिट, सीमित विवरण, लाभांश आय ≤ ₹1.25 लाख, एक घर, कृषि ≤ ₹5,000 आदि (The Economic Times, Income Tax India)

उदाहरण: यदि आप ₹30 लाख की आय पर presumptive विधि से व्यवसाय करते हैं, तो ITR‑4 उपयुक्त होगा; लेकिन यदि आप पूर्ण bookkeeping रखते हैं या partnership firm से income प्राप्त कर रहे हैं, तो ITR‑3 ही सही रास्ता है।

3. ITR‑3 के मुख्य बदलाव: AY 2025‑26 (FY 2024‑25)

CBDT ने Notification No. 41/2025 (30 अप्रैल 2025 को जारी) के माध्यम से ITR‑3 को नए वित्त विधेयक 2024 के अनुरूप संशोधित किया है (LinkedIn)। प्रमुख बदलाव नीचे दिए गए हैं:

🧾(i) पूंजीगत लाभ की रिपोर्टिंग:

23 जुलाई 2024 से पहले और बाद की बिक्री को अलग-अलग रिपोर्ट करना अनिवार्य है (The Economic Times)।

  • 23 जुलाई 2024 के पहले विक्रयित इक्विटी, म्यूचुअल फंड्स पर LTCG 10% (exemption ₹1 लाख तक) लागू होता है;
  • बाद में दी गई बिक्री पर LTCG अब 12.5% होगा (exemption ₹1.25 लाख) (The Economic Times)।
    इसी तरह, STCG की दर भी 15% से बढ़कर 20% हो गई है (TaxGuru)।

🎯(ii) शेयर बायबैक पर Capital Loss मान्यता

1 अक्टूबर 2024 के बाद हुए शेयर बायबैक में जो नुकसान हुआ है, वह तभी स्वीकार्य होगा जब संबंधित dividend आय को “Other Sources” में शामिल किया जाए (myfinancegyan.com)।

📊(iii) Schedule AL (Asset–Liability) सीमा समायोजन

पहले ₹50 लाख से ऊपर की आय वालों को संपत्ति/ऋण विवरण दर्ज करना होता था, अब यह कमी सिर्फ ₹1 करोड़ से ऊपर वाले करदाताओं पर लागू होगी (TaxGuru, The Financial Express, LinkedIn)।

🧾(iv) नए सेक्शन 44BBC – Cruise व्यवसाय

क्रूशिप व्यवसाय से जुड़ी आय (non-resident cruise operators) पर presumptive taxation लागू करनी पड़ी। रिपोर्टिंग अब ITR‑3 में Section 44BBC के तहत की जाएगी, जिसमें gross receipts का 20% आय मानकर टैक्स लगेगा (TaxGuru)।

💸(v) डिडक्शन रिपोर्टिंग में विस्तार

अभी deductions को अधिक विस्तार से दर्ज करना अनिवार्य है, जैसे:

  • Section 80C (LIC, PPF, ELSS),
  • 80D (स्वास्थ्य बीमा),
  • 80E, 80EEA, 80EEB (होम ऋण利息 छुट),
  • Section 10(13A) (HRA) इत्यादि के लिए अलग-अलग इनपुट आवश्यक हैं (LinkedIn, bankbazaar.com)।

🧾(vi) TDS section‑code रिपोर्टिंग

Schedule‑TDS में अब आपको प्रत्येक TDS deduction के अंतर्गत लागू section code (जैसे 194A, 194C, 194R आदि) दर्ज करना होगा ताकि Form 26AS/AIS से मेल खाए और रीकन्सिलीएशन संभव हो सके (LinkedIn)।

🌐(vii) विदेशी संपत्ति और VDA (Crypto/NFT आदि)

यदि आप foreign income/assets रखते हैं, तो Schedule FA/TR/FSI में उनका विस्तृत विवरण भरना अनिवार्य है (myfinancegyan.com)।
इसके अलावा, Crypto‑income / Virtual Digital Assets (VDA) की रिपोर्टिंग भी अनिवार्य है (genuinefilings.com)।

🚀(viii) UI सुधार – Excel/ऑनलाइन utility

  • Income Tax Department ने Excel‑based offline utility जारी की है, जिससे JSON जनरेट करके पोर्टल पर अपलोड किया जा सकता है (Business Standard)।
  • हालांकि, ऑनलाइन यूटिलिटी अभी उपलब्ध हो रही है (as of July 30, 2025) और धीरे-धीरे पूर्ण रूप से चलन में आ जाएगी (The Times of India, The Economic Times)।

🔖(ix) Profession‑specific codes:

डिजिटल और gig economy से जुड़े पेशे जैसे influencers, F&O traders, commission agents को अब ITR‑3/4 में विशेष कोड के तहत रिपोर्ट करना होगा (उदाहरण: influencers को कोड 16021, F&O traders को 21010 आदि) (indiatimes.com)।

4. दस्तावेज़ (Documents) और तैयारी

ITR‑3 भरने से पहले ये काग़जात आपको तैयार रखने चाहिए:

  • PAN, Aadhaar, बैंक विवरण
  • Form 16 (यदि वेतन है), Form 26AS / AIS / TIS (TDS एवं अन्य इनकम सारांश)
  • व्यापार हेतु Balance Sheet, Profit & Loss Statement
  • Capital gains statement (ब्रोकरेज से), TDS प्रमाणपत्र (Form 16A)
  • घर किराया (HRA), ऋण ब्याज प्रमाण, होम लोऩ डॉक्यूमेंट्स
  • निवेश दस्तावेज (PPF, ELSS, LIC, etc.)
  • Crypto / foreign asset संबंधित दस्तावेज़
  • ESOP विवरण (यदि लागू) एवं GST details (यदि आप GST रजिस्ट्रेशन के अंतर्गत हैं) (myfinancegyan.com, genuinefilings.com)।

5. फाइलिंग प्रक्रिया: ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों

🖥️ ऑनलाइन (Web Utility)

  1. Income Tax e‑Filing Portal पर लॉग इन करें
  2. ITR‑3 form चयन करें (अब लाइव है)
  3. पूर्व‑भरा डेटा देखें, dropdown से deduction details भरें
  4. JSON स्वरूप जनरेट करें अथवा सीधे फॉर्म ऑनलाइन भरें
  5. इलेक्ट्रॉनिक रूप से DSC से साइन करें, या बिना DSC संख्या भरें और ITR‑V साइन कर CPC, Bengaluru को 30 दिनों में भेजें (myfinancegyan.com)।

💻 Excel / Java Utility (Offline)

  • portal से Excel फॉर्म डाउनलोड करें
  • ऑफलाइन भरें, validation के बाद JSON करें अपलोड
  • वही उपरोक्त प्रक्रिया ऑनलाइन भरने जैसी है (Business Standard, The Times of India)।

6. महत्वपूर्ण तिथियाँ औरइलाश्ने प्रभाव

  • अंतिम तारीख (non‑audit cases): 15 सितंबर 2025 (विस्तारित अवधि) (Business Standard)।
  • ऑडिट केस (Section 44AB के अंतर्गत): 31 अक्टूबर 2025 तक रिटर्न दाखिल करना आवश्यक है (LinkedIn, bankbazaar.com, Business Standard)।

यदि आप निर्धारित समय से पहले रिटर्न नहीं भरते, तो ₹5,000 तक लापरवाही शुल्क लग सकता है (उत्पन्न आय के आधार पर ₹1,000 तक भी हो सकता है यदि आय ₹5 लाख से कम हो) (marathi.indiatimes.com, The Times of India)।

7. क्यों परिवर्तन हुए?

🏛️ Finance Act, 2024 बदलाव

  • पूंजीगत लाभ कर नियमों में 23 जुलाई 2024 से बदलाव (LTCG/STCG दरों में बदलाव, grandfathering विकल्प) (TaxGuru, The Economic Times)
  • नए टैक्स स्लैब, standard deduction बढ़ा गया ₹75,000 तक (नया टैक्स रेजीम) (Reddit)

🧾 डेटा ट्रांसparency एवं जांचज़

  • AIS / 26AS अनुरूप TDS section codes
  • बड़े मूल्य-वाले लेन‑देनों की reporting (foreign travel >₹2 लाख, बिजली बिल >₹1 लाख, बैंक deposit >₹1 करोड़) (myfinancegyan.com, LinkedIn)

🪙 आधुनिक आय स्रोतों को ध्यान में रखते हुए अपडेट

  • Crypto, unlisted shares, influencers‑type gigs की रिपोर्टिंग
  • New profession codes, foreign assets का खुलासा (The Economic Times, Business Today)

8. कैसे रिटर्न भरें: चरण-दर-चरण सुनहरा मार्गदर्शन

  1. पहचानें अपनी पात्रता – क्या आप ITR‑3 में फाइल करने योग्य हैं?
  2. सभी दस्तावेज इकट्ठा करें – ऊपर उल्लेखित सूची देखें।
  3. ऑफलाइन utility डाउनलोड करें और ऑफलाइन भरें, या सीधे ऑनलाइन Portal चुनें।
  4. पूर्व‑भरा डेटा देखे, सही करें और अतिरिक्त विवरण भरें: capital gains bifurcation, deduction details, TDS codes आदि।
  5. Asset / Liability reporting केवल यदि आपकी टोटल आय ₹1 करोड़ से ऊपर हो।
  6. Foreign assets / Crypto disclosure आवश्यक रूप से शामिल करें।
  7. रिटर्न validate करें और JSON अपलोड करें (offline) या इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म पूरा करें।
  8. DSC साइन करें, या ITR‑V पेपर भेजें (बिना DSC की स्थिति में)।
  9. समय से पहले फाइल करें, late fees से बचें।

9. उपयोगी सुझाव और प्रैक्टिकल टिप्स

  • प्लानिंग करें कि किस टैक्स रेजीम (पुराना या नया) का चुनाव करना है – Form 10‑IEA फाइल करके नया रेजीम अपनाएँ।
  • Capital gains की गणना करते समय बिक्री की तारीख का विशेष ध्यान रखें (pre/post 23 जुलाई 2024)।
  • Virtual digital assets (crypto, NFT) जोड़ते समय AIS और 26AS से मिलान करें।
  • Share buy-back से हुए losses तभी दर्ज करें जब dividend आय “Other Sources” में रिपोर्ट की गई हो।
  • HUF के Computation में सभी साझेदारों का ब्यौरा दें: drawing, capital contribution, profit share आदि।
  • टेक्निकल validation errors से बचने हेतु utility में warnings देखें और सही करें।
  • CPA/tax expert से सलाह विचार करें यदि फॉर्म जटिल दिखे।

AY 2025‑26 के लिए ITR‑3 फॉर्म में कई महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं, जो Finance Act 2024 की नई टैक्स दरों, capital gains नियमों, asset/liability thresholds, crypto और foreign asset रिपोर्टिंग, नई profession‑codes, और deduction / TDS detail reporting को समाहित करते हैं। यह बदलते कर‑दायित्व के समय में करदाताओं की सहायता और अनुपालन को आसान बनाने की दिशा में एक कदम है।

यदि आप व्यवसाय / पेशे में हैं, साझेदार हैं, या गैर-साधारण आय स्रोतों जैसे शेयर ट्रेडिंग, crypto लगाते हैं, तो ITR‑3 सबसे उपयुक्त फॉर्म है। लेकिन अगर आपकी आय सिर्फ वेतन या निवेश से है, तो ITR‑1/2 अधिक सरल हो सकता है।

  • पूरी जानकारी स्पष्ट हो तब ही फाइल करें।
  • देर से दाख़िल न करें, क्योंकि जुर्माना ₹5,000 तक जा सकता है।
  • यदि आवश्यक हो, तो कर सलाहकार की मदद लें।

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