परिचय
भारतीय ऊर्जा विनिमय मंच, Indian Energy Exchange (IEX), ने वित्त वर्ष 2025‑26 की पहली तिमाही (Q1 FY26) में अपने प्रदर्शन से एक बार फिर से ऊर्जा ट्रेडिंग क्षेत्र को प्रभावित कर दिया। 24 जुलाई, 2025 को जारी अपने तिमाही परिणामों के अनुसार, कंपनी ने पहले वर्ष के मुकाबले कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में जबरदस्त वृद्धि दर्ज की है। इस लेख में हम इन परिणामों, सरकार की भूमिका, बाज़ार की परिस्थितियों और भविष्य की संभावनाओं को विस्तार से समझेंगे।
1. शुद्ध लाभ (Net Profit): 25–26% की वृद्धि
IEX ने Q1 FY26 में ₹120.7–₹121 करोड़ का समेकित शुद्ध लाभ (PAT) दर्ज किया, जो पिछले वर्ष की समान अवधि में मात्र ₹96.4 करोड़ था। यह करीब 25–26% की वृद्धि दर्शाता है (Rediff)।
कुछ स्रोतों में ₹113 करोड़ की संख्या भी उल्लेखित है—जो 20.9% वृद्धि बताती है—लेकिन अधिक नगरपालिका स्रोतों के अनुसार ₹120.7–₹121 करोड़ होना सही आंकड़ा माना जा रहा है (Business Today, mint, Upstox – Online Stock and Share Trading)। इसलिए हम ₹121 करोड़ को अधिक सटीक रिपोर्ट मानते हैं।
2. परिचालन आय (Revenue from Operations): 13–19% की वृद्धि
Q1 FY26 में IEX की परिचालन आय ₹140–₹142 करोड़ तक पहुंच गई, जो पिछले वर्ष के ₹124–₹123.5 करोड़ से बढ़कर 13% से लेकर 19% तक बढ़ोतरी दर्शाती है (Trade Brains)।
वास्तविक रूप से कुछ रिपोर्ट ₹139.9 करोड़ एवं कुछ ₹141.7 करोड़ बताती हैं। यह भिन्नता डेटा स्रोतों के अलग-अलग प्रारूपों में हो सकती है, लेकिन औसत रूप से 13–15% की वृद्धि देखने को मिलती है।
3. विद्युत व्यापार मात्रा: 15% वृद्धि
इस तिमाही में IEX पर कुल 32.4 बिलियन यूनिट (BU) विद्युत ऊर्जा का व्यापार हुआ—जो Q1 FY25 के मुकाबले लगभग 15% अधिक था (Trade Brains, Business Standard)।
4. नवीकरणीय ऊर्जा सर्टिफिकेट (RECs): 149% तक उछाल
Q1 FY26 में IEX ने 52.7 लाख RECs का ट्रेडिंग वॉल्यूम दर्ज किया, जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 149% वृद्धि थी (Upstox – Online Stock and Share Trading)। यह वृद्धि भारत में नवीकरणीय ऊर्जा के प्रति तेजी से बढ़ते रुझान को दर्शाती है।
5. ऊर्जा मांग और आपूर्ति परिस्थितियाँ
peak summer demand: संतोषजनक प्रबंधन
भारत ने इस तिमाही में अपनी शिखर गर्मी विद्युत मांग को 242 GW तक पूरा किया। हालांकि प्रारंभ में 277 GW तक की मांग आकलित की गई थी, लेकिन तेज़ मानसून और असामान्य बारिश के कारण तापमान सामान्य से कम रहा, जिससे विद्युत की मांग अपेक्षाकृत नियंत्रित रह गई (India Today, Business Standard, Upstox – Online Stock and Share Trading)।
कुल खपत में गिरावट: 1.3–1.5%
शीतल मौसम और शुरुआती मानसून की वजह से राष्ट्रीय बिजली खपत इच्छित स्तर से कम रही और पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 1.3–1.5% गिरावट आई, कुल मिलाकर लगभग 446 अरब यूनिट्स रही (Upstox – Online Stock and Share Trading)।
सरकारी उपायों की भूमिका
सरकार ने Electricity Act की Section 11 को जून अंत तक बढ़ा दिया, जिससे आयातित कोयला आधारित बिजली संयंत्रों को पूर्ण क्षमता पर चलाने का आदेश मिला। इसके अलावा गैस आधारित पावर प्लांट को एक्टिवेट किया गया और घरेलू कोयला आपूर्ति को बढ़ाया गया ताकि बिजली की कमी न हो। इन कदमों ने अनुमानित उच्च मांग के बावजूद प्रणाली में स्थिरता सुनिश्चित की (Upstox – Online Stock and Share Trading)।
6. ईंधन और कोयला भंडार
कोयला उत्पादन: स्थिर
Q1 FY26 में कोयला उत्पादन 247 मिलियन टन रहा, जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग अपरिवर्तित था (Upstox – Online Stock and Share Trading)।
कोयला इन्वेंट्री: 25 दिनों की विश्वसनीय स्थिति
मिड–जुलाई तक कोयला इन्वेंट्री बढ़कर लगभग 25 दिनों की हो गई, जिससे पावर सेक्टर की ईंधन सुरक्षा अच्छी स्थिति में रही (Upstox – Online Stock and Share Trading)।
7. मूल्य प्रवृत्ति और बाज़ार की तरलता
Day-Ahead Market (DAM) कीमतें
DAM में तरलता में 45.2% वृद्धि हुई, जिसके कारण औसत कीमत ₹4.41 प्रति यूनिट पर आ गई—जो पिछले वर्ष के मुकाबले लगभग 16% कम है (Business Standard)।
Real-Time Market (RTM) कीमतें
RTM में कीमतें औसतन ₹3.91 प्रति यूनिट रही, जो 20% तक कम है पिछले वर्ष की तुलना में (Business Standard, Business Standard, Upstox – Online Stock and Share Trading)। उदाहरण के लिए, भारी बारिश के दौरान 25 मई को RTM की कीमत ₹1.53 प्रति यूनिट पर पहुँच गई और कुछ समय ब्लॉकों में लगभग शून्य मूल्य दर्ज हुए (Business Standard)।
8. गैस व्यापार—IGX की शानदार प्रगति
IEX की सहायक कंपनी, Indian Gas Exchange (IGX) ने Q1 FY26 में न सिर्फ वॉल्यूम दोगुना किया बल्कि 24.6 मिलियन MMBtu व्यापार दर्ज किया, जो लगभग 109% की वृद्धि थी। यह मांग में वृद्धि, विशेषकर तेल विपणन कंपनियों और शहर गैस वितरण कंपनियों की सकारात्मक भागीदारी से प्रेरित है (Business Standard)।
नुस्खा के तौर पर IGX ने शुद्ध लाभ में भी लगभग 86.7% की वृद्धि दर्ज की, जो ₹14.1 करोड़ रही Q1 FY26 में, आगे FY25 की ₹7.6 करोड़ की तुलना में (Business Standard)।
9. पर्यावरणीय पहल—ICX और I‑RECs
IEX की एक अन्य 100% सहायक कंपनी, International Carbon Exchange (ICX) ने Q1 FY26 में 44 लाख से अधिक I‑RECs जारी किए। ये डिजिटल सर्टिफिकेट renewable energy वार्षिक उत्पादन को प्रमाणित करते हैं। ICX की इस पहल ने नवीकरणीय ऊर्जा के विस्तार में योगदान दिया है (Business Standard)।
10. शेयर बाजार प्रतिक्रिया: CERC के Market Coupling आदेश का प्रभाव
शेयर मूल्य में तेज़ गिरावट
24 जुलाई 2025 को Q1 परिणाम के जारी होने के उपरांत, सप्ताह के अंतिम कार्य दिवसों में IEX के शेयरों में लगभग 28–29% की गिरावट आई। शेयर NSE पर ₹135–₹132 के स्तर पर बंद हुए (Upstox – Online Stock and Share Trading)।
Market Coupling: CERC का नया आदेश
भारत की बिजली नियामक संस्था, Central Electricity Regulatory Commission (CERC) ने एक आदेश जारी किया कि दिस्पैच पहले‑बाज़ार (Day-Ahead Market) को जनवरी 2026 से चरणबद्ध तरीके से market coupling के ज़रिए एक सामान्य प्लेटफ़ॉर्म पर जोड़ा जाएगा। इसका उद्देश्य मूल्य निष्पादन बेहतर करना और बाज़ार की समेकित कार्यक्षमता सुनिश्चित करना है (Upstox – Online Stock and Share Trading)।
इस निर्णय के कारण निवेशकों में चिंता पैदा हुई कि IEX की बाजार हिस्सेदारी प्रभावित हो सकती है, क्योंकि एक समेकित मॉडेल में अन्य power exchanges के भी भागीदारी की संभावनाएँ बनती हैं।
तुरंत सुधार: तेजी की लहर
लेकिन अगले दिन—25 जुलाई 2025—IEX के शेयरों में तेजी देखी गई। शेयरों ने BSE पर 8–13% तक की बढ़त दिखाई, और अधिकतम ₹149 तक पहुँचे। इस तेजी का श्रेय Q1 परिणामों की मजबूती और निवेशकों की सकारात्मक प्रतिक्रिया को दिया गया है (Business Today)।
11. सारांश: IEX की मजबूत स्थिति और चुनौतियाँ
नीचे सारांश तालिका देखें:
मापदंड | Q1 FY25 | Q1 FY26 | वृद्धि (%) |
---|---|---|---|
Net Profit | ₹96.4 करोड़ | ~₹121 करोड़ | ~25–26% |
Revenue | ₹123.6–124 करोड़ | ₹140–₹142 करोड़ | ~13–15% |
Electricity Volume | ~28.2 BUs | 32.4 BUs | ~15% |
RECs Traded | ~2.12 लाख | 52.7 लाख | ~149% |
DAM Price | ~₹5.25/unit | ₹4.41/unit | –16% |
RTM Price | ~₹4.89/unit | ₹3.91/unit | –20% |
यह परिणाम दर्शाते हैं कि IEX न सिर्फ वित्तीय दृष्टि से बढ़ रही है, बल्कि विद्युतीय व्यापार में विविधीकरण और तरलता में सुधार की दिशा में अग्रसर है।
12. आगे की संभावनाएँ और रणनीति
Renewable energy और Green markets का विस्तार
RECs की भारी वृद्धि और ICX के ज़रिए जारी I‑RECs स्पष्ट संकेत हैं कि IEX हरित ऊर्जा बाजार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। सरकार की नवनीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने की नीतियों के बीच यह वृद्धि स्थायी हो सकती है।
Market coupling के बाद की रणनीति
Market coupling के कार्यान्वयन से IEX को चुनौतियों के साथ-साथ अवसर भी मिलते हैं:
- एकीकृत मूल्य निर्धारण मॉडल से कार्यक्षमता बढ़ेगी।
- लेकिन प्रतिस्पर्धा बढ़ने की भी संभावना है।
- IEX को अपनी तकनीकी लीडरशिप बनाए रखते हुए नए कारोबारी मॉडल अपनाने होंगे।
गैस मंडी—IGX की भूमिका
IGX की तेज़ वृद्धि बताती है कि गैस ट्रेडिंग में ऑनलाइन प्लेटफॉर्म की क्षमताएँ अभी प्रचुर हैं। City Gas वितरकों और OMCs की बढ़ती भागीदारी से IGX से प्रेरित बढ़ता भू‑आकर्षण बना रहेगा।
13. निष्कर्ष
IEX ने Q1 FY26 में बहुत संतोषप्रद प्रदर्शन किया है: नेट प्रॉफिट एवं राजस्व में मजबूत वृद्धि, विद्युत व्यापार की मात्रा में व्यापक विस्तार, और पुनरावर्ती ऊर्जा सर्टिफिकेट ट्रेडिंग में शानदार उछाल। सरकार के सक्रिय हस्तक्षेप और जलवायु‑अनुकूल मौसम ने व्यापारी परिस्थितियों को मदद दी। हालांकि, CERC द्वारा Market Coupling के आदेश ने शेयर बाजार में अस्थायी दबाव डाला, लेकिन निवेशकों की प्रतिक्रिया ने अंततः सकारात्मक रुख दिखाया।
भविष्य की राह में IEX को न सिर्फ बाज़ार की नई संरचनाओं के साथ खुद को तालमेल बैठाना होगा, बल्कि तकनीकी नवाचार और हरित ऊर्जा व्यापार विस्तार पर भी फोकस रखना होगा।