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Lok Sabha Passes Key Tax and Sports Bills Without Debate Amid Opposition Protest

By Sam
Published On: August 12, 2025
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संसद में वार्तालाप का मौन—विवादों के बीच दो महत्वपूर्ण टैक्स बिल पारित

पृष्ठभूमि

11 अगस्त 2025 की लोकसभा की बैठक एक ऐसा मंजर था जहां राजनीति और विधायी प्रक्रिया के बीच एक अद्भुत द्वंद्व नजर आया। विपक्ष के गूंजते नारों और निरंतर विरोध प्रदर्शन के बीच देश के लिए अहम दो टैक्स बिल—Income‑Tax (No. 2) Bill, 2025 और Taxation Laws (Amendment) Bill, 2025—बिना किसी बहस के पारित कर दिए गए। यह कदम सरकार की इच्छाशक्ति और विरोध की मुखरता, दोनों का चौंका देने वाला संतुलन दर्शाता है। (The New Indian Express, The Economic Times, News on Air)

Income‑Tax (No. 2) Bill, 2025: एक समग्र सुधार

क्या है नया?

  • पुराना कानून हो रहा है पुराना: 1961 के Income‑Tax Act को पूरी तरह से बदलने की कवायद है। यह नया बिल वही भाषा में लिखा गया नहीं है, बल्कि इसे स्माइथ और पारदर्शी रूप में दोबारा तैयार किया गया है (SCC Online, Wikipedia)।
  • सरलता है लक्ष्य: धारा संख्या 800+ से घटकर अब केवल 536 धारा और 23 अध्याय रह गए हैं—यह सरलीकरण स्पष्टता और समझ को बढ़ावा देता है (Indiatimes, Business Today, Wikipedia)।
  • डिजिटल — बिना इंसानी हस्तक्षेप: “faceless” डिजिटल आकलन की व्यवस्था, ताकि करदाताओं को पारदर्शी और त्वरित जवाब मिल सके और भ्रष्टाचार की संभावना कम हो जाए (Business Today, Indiatimes)।
  • करदाताओं के लिए ये करने योग्य है:
    • TDS रिफंड—देर से दाखिल होने पर भी बिना जुर्माना।
    • कार्रवाई से पहले नोटिस और जवाब देने का मौका।
    • 12 लाख रुपये की वार्षिक छूट कायम—बजट घोषणा के मुताबिक (Indiatimes, Business Today, Wikipedia)।
  • अन्य सुधारों में:
    • बहुमत करदाताओं के लिए करदायित्व में संतुलन बनाए रखना।
    • धार्मिक ट्रस्टों को—but only अगर वे सामाजिक कार्य नहीं करते—के लिए गुमनाम दान पर रोक (Business Today, Wikipedia)।
  • आगे का रास्ता: ये कानून लागू होगा 1 अप्रैल 2026 से (Business Today)।
  • ड्राफ्टिंग में त्रुटि—but सुधारा गया: प्रारंभ में advance tax पर penal interest दर गलती से 3 % लिख दी गई थी, पर Select Committee ने स्पष्ट किया कि यह 1 % प्रति माह ही रहेगा (The Economic Times)।

Taxation Laws (Amendment) Bill, 2025: UPS को NPS जैसा टैक्स लाभ

  • Unified Pension Scheme (UPS) में सुधार: अब इसका टैक्स उपचार National Pension System (NPS) के समान है। रिटायरमेंट में lumpsum निकालने पर छूट मिलेगी, और यदि समय से पहले निकासी होती है तो वही नियम लागू होंगे जो NPS में हैं (The Economic Times)।
  • कर ढांचे में ये बदलाव उस अनुरूपता को बढ़ावा देते हैं, जिसे सरकार सेवानिवृत्त नागरिकों को लाभ देने के लिए प्राथमिकता देती है।

दोनों टैक्स बिल—रात्रिकालीन बहस के बिना पारित

विरोध के बावजूद, दोनों बिल लोकसभा में बिना बहस हुए—केवल आवाज़‑मत (voice vote) से पारित कर दिए गए। विरोध प्रदर्शन के दौरान जो हुड़दंग मचा, उसके बीच यह प्रक्रिया तेज़ी से पूरी की गई (The New Indian Express, Business Standard, The Economic Times)।

खेल में सुधार—लंबे समय बाद नई राह

National Sports Governance Bill, 2025

  • इतिहास की बात: 1975 से लेकर 2011 तक कई प्रयास—लेकिन सफलता नहीं मिल पाई। अब यह बिल फिर से एक नया अध्याय खोलता है (The Times of India, The Indian Express)।
  • सबसे बड़ा सुधार: मंत्री मंसुख मांडविया ने इसे “स्वतंत्रता के बाद का सबसे बड़ा खेल सुधार” बताया (The Tribune, The Economic Times)।
  • प्रमुख प्रावधान:
    • National Sports Board (NSB): खेल संस्थाओं को मान्यता और निधियों की पात्रता देने वाला मुख्य बोर्ड।
    • अकाउंटेबिलिटी ज़रूरी: चुनाव नहीं करवाना, वित्तीय गड़बड़ी, और अन्य अनियमितताओं पर NSB संस्था को मान्यता रद्द करने का अधिकार।
    • National Sports Tribunal: खेल संबंधी विवादों (चयन, चुनाव आदि) का सिविल कोर्ट जैसा समाधान; निर्णय केवल सुप्रीम कोर्ट में चुनौती योग्य (Outlook India, The Tribune)।
  • RTI की मार्जिन: सभी राष्ट्रीय खेल संस्थाएं RTI के दायरे में आएंगी, लेकिन BCCI—जब तक वह सरकारी वित्त पोषण पर निर्भर न हो—उससे बाहर (The Indian Express)।

National Anti‑Doping (Amendment) Bill, 2025

  • WADA का दबाव—समयसंगत संशोधन: मूल 2022 Act में WADA ने सरकारी हस्तक्षेप की वजह से आपत्ति जताई थी। नए बिल में Board की NADA पर निगरानी समाप्त कर दी गई, ताकि उसका “operational independence” बना रहे (Outlook India, The Economic Times)।

अंतरिम पलों की राजनीति—निर्विरोधी मानवनाद

इन दोनों खेल बिलों पर भी बिना व्यापक बहस के, केवल आवाज़ मत से मंजूरी मिल गई—विरोध प्रदर्शन के बीच में ही (The New Indian Express, The Economic Times)।

ओम बिरला—विरोधियों पर टिप्पणी

सदन की शुरुआत में Speaker Om Birla ने विपक्ष को 14 दिनों से व्यवस्थित रूप से प्रक्रिया को बाधित करने का आरोप लगाया। “यह नियमों और लोकतांत्रिक प्रक्रिया के खिलाफ है…इन्हें मुद्दों को उठाने के लिए भेजा गया है, सिर्फ प्रदर्शन के लिए नहीं”—ऐसा उन्होंने कहा, इसके बाद सदन को दोपहर 2 बजे के लिए स्थगित कर दिया गया (The Economic Times)।

किरेन रिजिजू की प्रतिक्रिया—“हर दिन देश समय नहीं बर्वाद होने देंगे”

Parliamentary Affairs Minister किरेन रिजिजू ने जता दिया कि सरकार अब Parliament का मूल्य समझ रही है। उन्होंने कहा:

“देश और संसद का समय एक‑ही मुद्दे पर प्रतिदिन बर्बाद नहीं होने देंगे। इसलिए हम महत्वपूर्ण विधेयकों को आगे बढ़ाएंगे।”
Income Tax Bill, Sports Bill, Merchant Shipping Bill और GST Amendment जैसे बिल सरकार की प्राथमिकता में हैं (Business Standard, News on Air)।

तेज़, विवादास्पद लेकिन निश्चित सुधार

11 अगस्त 2025 की संसदीय कार्रवाई राजनीति की तीव्रता, विधायी सुधार और लोकतांत्रिक प्रक्रिया में टकराव की एक जीवंत तस्वीर पेश करती है:

  • कर सुधार: देश के पुरानी टैक्स संरचना को सरल, डिजिटल और करदाता‑अनुकूल बनाना।
  • पेंशन सुधार: UPS को NPS के साथ संतुलित कर संरचना में शामिल करना।
  • खेल में सुधार: पारदर्शिता, जवाबदेही और अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप प्रणाली ढांचा बनाना।

इन सभी सुधारों में सरकारी इच्छा और विपक्ष की नाराज़गी दोनों ही स्पष्ट हैं। इसने संसद की कार्यप्रणाली—बिना बहस, तेज़ प्रक्रिया, लेकिन ठोस सुधार—in sharp relief में उजागर की है।

Sam

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